मकर संक्रांति पर्व क्यों मनाते हैं जानिये इसके पीछे छिपा कारण, Reason of celebrating makar sankranti
यह विक्रम संवत पंचांग यानि हिन्दी कैलेंडर पर आधारित है और आज के ही दिन सूर्य मकर रेखा में प्रवेश करता है, इसलिए सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर यह पर्व मनाया जाता है। भारतीयों का प्रमुख पर्व मकर संक्रांति अलग-अलग राज्यों, शहरों और गांवों में वहां की परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है। इसी दिन से गंगा नदी के किनारे माघ मेला या गंगा स्नान का आयोजन किया जाता है। कुंभ के पहले स्नान की शुरुआत भी इसी दिन से होती है। इस दिन लोगों के घरों में तिल और गुड़ के लड्डू और विभिन्न प्रकार के पकवान बनाये हैं और बच्चों से लेकर युवा तक आज के दिन खूब पतंग उड़ाते है और देश के कई राज्यों में पतंगबाजी की बड़ी बड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं।
इस त्यौहार को देश में लोग अलग अलग नाम से मनाते हैं। पंजाब- यह दिन पूर्व लोहड़ी पर्व के रूप में मनाया जाता हैं। उत्तर प्रदेश- मकर संक्रांति को खिचड़ी पर्व कहा जाता है। गुजरात और राजस्थान- उत्तरायण पर्व के रूप में मनाया जाता है। पश्चिम बंगाल- हुगली नदी पर गंगा सागर मेले का आयोजन किया जाता है। असम- भोगली बिहू के नाम से इस पर्व को मनाया जाता है। आंध्रप्रदेश- संक्रांति के नाम से तीन दिन का पर्व मनाया जाता है। तमिलनाडु- किसानों का ये प्रमुख पर्व पोंगल के नाम से मनाया जाता है। महाराष्ट्र- लोग गजक और तिल के लड्डू खाते हैं और एक दूसरे को भेंट देकर शुभकामनाएं देते हैं।
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