किराए के मकान में रहने वालों के लिए सबसे बड़ी खुशखबरी, सरकार के इस फैसले से झूम उठेंगे आप, good news for rent home
अब केंद्र सरकार नए रेंटल हाउसिंग एक्ट को लागू करने की तैयारी कर रही है, जो कि 1948 के कानून का स्थान लेगा। अब आने वाले नए कानून से किरायेदार की टेंशन कम होने वाली है और साथ ही मकान मालिक को भी लाभ होगा। इसके अनुसार किराए का तीन गुना सिक्योरिटी डिपॉजिट लेना तब तक गैर-कानूनी माना जायेगा, जब तक इसका एग्रीमेंट न हो। किरायेदार के घर खाली करने पर मकान के स्वामी को एक महीने के भीतर यह राशि लौटानी होगी। इसके साथ जिस स्थान को किराए पर दिया गया है उसकी देखभाल के लिए किरायेदार और मकान मालिक दोनों ही जिम्मेदार होंगे।
मकान मालिक अगर घर में कोई नया काम करवाता है या फिर रेनोवेशन आदि करवाता है तो उसे रेनोवेशन का काम खत्म होने के एक महीने बाद किराया बढ़ाने की अनुमति होगी। इसके लिए किरायेदार की सलाह भी ली जाएगी। इसी तरह नया रेंट अग्रीमेंट लागू होने के बाद अगर बिल्डिंग का ढांचा खराब हो रहा है और मकान मालिक रेनोवेट कराने की स्थिति में नहीं है तो किरायेदार किराया कम करने को कह सकता है। अगर किराए को लेकर दोनों पक्षों में झगड़े की स्थिति पैदा होती है तो किरायेदार रेंट अथॉरिटी से संपर्क कर सकता है।
मकान मालिक को घर की देख रेख, रिपेयर से जुड़े काम या किसी दूसरे काम से आने के लिए भी 24 घंटों का लिखित नोटिस एडवांस में देना होगा, वह कभी भी अपनी मर्जी से घर मे नही आ सकेगा। इसके साथ रेंट अग्रीमेंट में लिखी अवधि से पहले किराएदार को तब तक नहीं निकाला जा सकता, जब तक उसने लगातार कई महीनों तक किराया न दिया हो या वह प्रॉपर्टी का गलत काम मे उपयोग कर रहा हो।
अगर रेंट एग्रीमेंट के खत्म होने के बाद किरायेदार मकान खाली नही करता है तो मकान का स्वामी दोगुना मासिक किराया ले सकता है। किराएदार मकान छोड़ने से कम से कम एक महीने पहले नोटिस दे। अगर एग्रीमेंट के दौरान किरायेदार की मृत्यु हो जाये तो उसकी मृत्यु के साथ ही एग्रीमेंट भी खत्म हो जाएगा और अगर उसके साथ परिवार भी है तो उसके अधिकार उसकी पत्नी या बच्चों के पास चले जाते हैं।