क्या आप भी किसी बच्चे को गोद लेना चाहते हैं, जाने चाइल्ड एडॉप्ट करने की नियम व शर्ते, rules and regulation for child addopt in India
चाइल्ड एडॉप्ट करना आज भी हमारे देश में कुछ लोंगो का सपना होता है। कुछ व्यक्ति बच्चे पैदा करने में असमर्थ होते हैं, पर चाइल्ड एडॉप्ट करने का सिर्फ यही कारण नही है। कुछ लोग बच्चों को सहारा देने के उद्देश्य से भी बच्चों को गोद लेना चाहते हैं। सिंगल व्यक्ति भी बच्चा गोद ले सकता है। इसके लिए मिनिमम ऐज 21 साल होती है। यदि बच्चे की आयु 1 साल से कम है तो अधिकतम 90 वर्ष और न्यूनतम 45 साल, (जिसमे दोनों कपल की आयू को जोड़ा जाता है ) होनी चाहिये। यदि आप भी चाइल्ड एडॉप्ट करना चाहते हैं तो इसके लिए हमे प्रक्रिया को समझना होगा। सीएआरए सेंट्रल एडॉप्टेसन रिसोर्स ऑथॉरिटी चाइल्ड एडॉप्टेसन से संबंधित नियम और कानून की देख-रेख करती है।
एडॉप्टेसन के लिए हमे इन प्रॉसेस को करना होगा- इसके लिए सबसे पहले आपको रजिस्ट्रेशन करना होगा, इसके लिये हम रीकॉग्निज्ड इंडियन प्लेसमेंट एजेंसीज (RIPA) और स्पेशल एडॉप्टेसन एजेंसीज (SAA) से संपर्क कर सकते हैं। नियम के अनुसार आवश्यक दस्तावेजों और शुल्क के साथ धारा IV के प्रावधानों के अनुसार पंजीकरण फॉर्म भरा जाना चाहिए। इसके बाद आपको इसकी रशीद भी दी जाएगी। इसके अलावा आप CARA के द्वारा ऑनलाइन भी रेजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। चाइल्ड केयर सेन्टर से भी रेजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
रजिस्ट्रेशन के बाद आपका नाम वेटिंग लिस्ट में शामिल कर लिया जाएगा। इसी तरह की सुविधा दूसरे राज्य से अपनाना चाहते हैं तो आपको संबंधित राज्य के राज्य दत्तक संसाधन एजेंसी (SARA) या दत्तक समन्वय एजेंसी (ACA ) से संपर्क करना होगा और उन्हें पंजीकरण पर्ची प्रदान करनी होगी। इसके बाद हमे हर तरह की सुविधा दी जाएगी कि बच्चे की देखभाल कैसे की जाये। रजिस्ट्रेशन के 2 माह के अंदर सामाजिक कार्यकर्ता आपके घर की देख-रेख करने आयेंगे और आपकी मेडिकल जांच भी की जाएगी। एडॉप्टेसन के समय आपके द्वारा दी गई रिक्वायरमेंट के हिसाब से आपके लिए बच्चे चयन किया जाएगा। जिसके बाद आप बच्चे को चाइल्ड केयर सेंटर जाकर देख सकते हैं। इसके बाद साइन और लोकल एडरेस आदि करने के बाद आप को चाइल्ड सौंप दिया जाएगा और आप उसके नए पैरेंट हो जाएगें।