महिलाओं के लिए बहुत जरूरी सूचना
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान भारत सरकार की एक नई पहल है, जिसके द्वारा हर माह की 9 दिनाँक को सभी गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व देखभाल करना सुनिश्चित किया जाता है। इसका उद्देश्य मातृ-शिशु मृत्युदर में कमी लाना है। सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भावस्था की दूसरी और तीसरी तिमाही की अवधि के समय प्रसव पूर्व देखभाल के लिए पैकेज दिया जाता है। इसमे प्राइवेट चिकित्सक भी इसमे अपनी सेवायें दे सकती हैं, मतलब की इसमे हम प्राइवेट डॉक्टरो से भी अपना इलाज करवा सकते हैं। प्रधानमंत्री ने प्राइवेट डॉक्टरों से भी इसमे अपनी फ्री सेवाएं देने की अपील की थी।
इसके मुख्य उद्देश्य- उन गर्भवती महिलाओं को, जो किसी भी कारण से अपनी प्रसव पूर्व जाँच नहीं करा पायी, उन्हें अपनी जांच पूरी करवाना।
कुपोषण से पीड़ित महिलाओं में रोग का जल्दी पता लगाने, पर्याप्त और उचित प्रबंधन पर विशेष ज़ोर देना।
गर्भवती महिलाओं को मातृ एवं बाल संरक्षण कार्ड तथा सुरक्षित मातृत्व पुस्तिकाएं भी दी जाती हैं।
खतरों के हिसाब से उन्हें स्टिकर प्रदान करना।
हरा स्टीकर- सामान्य गर्भावस्था वाली महिला होने पर, लाल स्टीकर- उच्च ज़ोखिम वाली महिला होने पर।
गर्भवती का अस्पतालों में ब्लड, यूरिन, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच करने के साथ ही आवश्यक दवाइयां निशुल्क उपलब्ध करवाई जाती है। इसके अंतर्गत तीन करोड़ से अधिक गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व देखभाल निश्चित किया गया है। इसे शहरी क्षेत्र के साथ-साथ गांव में भी लागू किया गया है। योजना के द्वारा जिले के प्रत्येक प्राथमिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जिला, उपजिला और सेटेलाइट अस्पतालों में गर्मियों में 1 अप्रेल से 30 सितंबर तक सुबह 8 से 2 बजे तक अौर सर्दियों में सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस क्लिनिक संचलित किया जाता है।