बिटकॉइन से पैसा कमायें पर जरा संभलकर Bitcoin use with precaution and what is encryption
क्या आप जानते हैं बिटकॉइन से कैसे पैसे बनाये जाए, बिटकॉइन माईनर्स क्या होते हैं, बिटकॉइन से पैसे कैंसे भेज सकते हैं , ब्लॉक चैन क्या होता है? जैसे आप जो पैसा कमाते हो उसे जेब या वॉलेट में रखते हो ऐसे ही इंटरनेट पर भी एक वॉलेट होता है ये एक इंटरनेट एकाउंट होता है जहाँ पर आप अपने बिट कॉइन रख सकते है। बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन एक डिसेन्ट्रलाइज क्रिप्टो करेंसी है। मतलब ये एक करेंसी हैं जो इंटरनेट पर है इसका कोई फिजिकल अस्तित्व नही है जैसे की हमारे रुपये होते हैं, एक रुपये दो रुपये की सिक्के होते है जिन्हें हम छू सकते हैं, जेब मे रख सकते हैं। लेकिन जो बिटकॉइन है जो इंटरनेट की करेंसी है ये सिर्फ इंटरनेट पर ही है, जैसे कि फेसबुक एक इंटरनेट पर है उसे आप हाथ मे नही लेकर घूम सकते। तो ये जो करेंसी हैं जो क्रिप्टोकरेंसी ( विकेंद्री) है। मतलब इसके जितने भी ट्रांसेक्शन होते हैं, अपने वॉलेट में स्टोर करते है ये एन्क्रिप्ट होते हैं। एन्क्रिप्शन मतलब साधारण भाषा में जैसे किसी गाने , लिखित सामग्री को मशीनी भाषा मे बदल दिया जाए और उस चीज को सिर्फ मशीने ही पड़ पाये जिस मशीन को हम पढ़वाना चाहते हैं, इंसीनी दिमाग इंसानी या आंखे उसे नही पड़ सकती। मशीनी भाषा मे चेंज हो जाता है ताकि कोई इंसान इसे न पढ़ पाये ,इसे हैक न कर पाये। बिटकॉइन के सारे लेन- देन एन्क्रिप्ट होते है, इसकी वैल्यू घटती बढ़ती रहती है,इसको नए तरीके से कमाया भी जा सकता है।
आप अपने बटुये से पैसे खर्च कर सकते हो ऐसे ही आप वॉलेट से खर्च कर सकते है बिटकॉइन से आप इंटरनेट पर चीजे खरीद सकते हो और ये ब्लैक हैट हैकर की सबसे पसंदीदा चीज है, क्योंकि ये डिसेन्ट्रलाइज है सरकार का इसमें कोई हस्तक्षेप नही है सरकार इसके आदान- प्रदान को रोक नही सकती। जैसी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया हमारे पैसो की देख रेख करता है। लेकिन इसकी कोई ऑथोरिटी नही है जो बिटकॉइन पर नजर रखे इसको चेक करने के लिए माइनर्स होते हैं। माईनर्स मतलब जब आप पैसे भेजते हैं तो उसको प्रामाणिक करने के लिए की ये ट्रांजेक्शन सही है इसको चेक करने के लिए माइनर्स होते हैं, ये बीच मे वो प्रोग्रामर होते हैं जो ट्रांजेक्शन को प्रामाणिक करते हैं जैसे A व्यक्ति ने किसी को पैसे भेजे 20 रुपये तो ये सही है या नही जैसे कि कहीं ये बीच मे चेंज करके बढ़ तो नही रहे हैं या ये 10 तो नही है जो 20 दिख रहे हैं या A दिखा रहा है कि ये 20 हैं पर ये 10 रुपये हैं।ये इंटरनेट है कुछ भी हो सकता है, इस चीज को जांचने के लिए बीच मे एक एजेंट होता है जिसे माइनर्स कहते हैं जो ये देखता है कि जो ट्रांजेक्शन हो रहा है वो वास्तविक लेन- देन है, सही तरीके से हो रहा है। यह पैसा दो तीन माइनर्स से होते हुए एक- दूसरे के वॉलेट में जाता है। माइनर्स कोई समाज सेवा करने तो बैठे नही हैं। इसके बदले माइनर्स को बिटकॉइन मिलते हैं और ये भी तरीका है बिटकॉइन बनाने का। माइनर्स को इस काम के लिए सातोसि मिलते हैं,जो बिटकॉइन की छोटी सी यूनिट होती है। यह अमाउंट के हिसाब से बदलते रहते है जैसे कि आप 100 डॉलर भेज रहे हैं तो आपके 101 डॉलर लगेंगे जितनी ज्यादा फीस होगी उतना तेज आपका ट्रांजेक्शन होगा इसके कुछ हानि भी है जैसे ही आपने किसी को 40 बिटकॉइन भेजे तो यह जब तक नही होगा जब तक कोई माइनर्स इसे प्रामाणिक नही करेगा ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपका ट्रांजेक्शन कितने जल्दी प्रामाणिक होता है। जितनी ज्यादा फीस होगी उतनी जल्दी लेन-देन पूरा होगा पर इसकी भी कोई गारण्टी नही है, आपके पैसे गायब भी हो सकते हैं। हालांकि पैसे कहीं जाते नही है, ये या तो भेजने वाले या प्राप्त करने बाले के पास होगें, पर इसमें समय जरूर लग सकता है। बिटकॉइन की वैल्यू घटती-बढ़ती रहती है जैसे कि उदाहरण के तौर पर आज बिटकॉइन की वैल्यू डेड़ लाख है आपने यह डेड़ लाख में खरीद लिया और कल इसकी वैल्यू 2 लाख हो गई तो इससे आपको 50 हज़ार की फायदा हो गई। इसमें पैसा सोच समझकर लगाए क्योंकि अगर इसकी वैल्यू कम हो गई तो आपको घाटा हो सकता है, इसके लिए आप अपने सारे पैसे इसमे नहीं लगाए। जैसे कि आप के पास 100 रुपये हैं तो आप 10 रुपये ही लगाए क्योंकि अगर घाटा हो तो कम ही हो और फायदा भी हो जाये। क्योंकि यह नई चीज है हमे धीरे धीरे चलना चाहिए। पैसे आपके डायरेक्ट बैंक में आते हैं। एक मोबाइल वॉलेट जेबपे एप्प है जो बिटकॉइन को स्वीकार करता है या आप ब्लॉकचैन एप्प का भी उपयोग कर सकते है। इसकी पूर्ण जानकारी के बाद ही इसमें पैसा लगाएं।