-->
क्या सच मे चाँद पर जाने में लोगो की रुचि कम हो गई है, why man interest is not to going moon

क्या सच मे चाँद पर जाने में लोगो की रुचि कम हो गई है, why man interest is not to going moon

नील आर्मस्ट्रांग ने 21 जुलाई 1969 को चंद्रमा पर कदम रखा और कहा था, इंसान का यह छोटा सा कदम पूरी मानव जाति के लिए एक बड़ी छलांग साबित होगी। 1972 में चांद पर पहुंचने वाले यूजीन सेरेनिन चाँद पर पहुँचने वाले आखिरी अंतरिक्ष यात्री थे, इसके बाद कोई भी चांद पर नहीं गया। लेकिन आधी सदी के बाद अब अमेरिका की ओर से ऐलान सामने आया है और वो ये की चाँद पर बहुत जल्दी मेंड मिशन भेजा जाना है।बस इसी के बाद यह सवाल उठ गया कि पिछले 50 सालों में कोई चांद पर आखिर गया क्यों नहीं है। चांद पर किसी इंसान को भेजना एक महँगा सौदा होता है, इसमें खर्च बहुत आता है और वैज्ञानिक फायदा बहुत कम होता है। असल मे 1969 और 1970 के जमाने में होड़ लग गई थी, अमेरिका और रूस के बीच में उस के तहत एक के बाद एक चांद पर मिशन भेजे गए थे, उसके बाद मामला ठंडा पड़ गया था। इसकी कारण यह है कि साइंस को लेकर कोई ज्यादा फायदा चंद्रमा पर जाने से नहीं है। इस बीच में बड़े अभियान चलाए नए उपग्रह भेजे ब्रह्पति पर खोज की इंटरनेशनल स्पेस की कक्षा में लॉन्च किया, अन्य आकाशगंगाओं और ग्रहों पर खोज किया लेकिन चांद पर नासा की कोई दिलचस्पी नहीं रही थी।

वोटर आईडी कार्ड की गलतियों को खुद सुधार सकते हैं

आज के दौर में राशन कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक हर डॉक्युमेंट्स को आप ऑनलाइन तैयार करवाने से लेकर एडिट करने तक का काम घर बैठे ही कर सकते हैं...

Iklan Atas Artikel

Iklan Tengah Artikel 1

Iklan Tengah Artikel 2

Iklan Bawah Artikel